दिल्ली में पहली बार आवाज वाला भूकंप... खतरे में क्यों हैं राजधानी की सरकारी इमारतें?

CMS Admin | Thu, 03 Jul 2025
Delhi-NCR Earthquake: दिल्ली एनसीआर में सोमवार को आए तेज भूकंप से लोग डरे हुए घरों से बाहर निकल आए। नैशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार यह टेक्टोनिक भूकंप नहीं था।
Dummy Image

नई दिल्ली:

हफ्ते के पहले ही दिन सोमवार को धरती हिलने से लोगों की नींद एकाएक खुल गई। सुबह के समय आए इतने तेज झटके की दहशत दिल्ली-एनसीआर में कई जगहों पर महसूस हुई। लोग बाहर निकलते ही वट्सऐप पर मेसेज करने लगे। नैशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (एनसीएस) के हेड ओपी मिश्रा ने बताया कि सोमवार का झटका टेक्टोनिक भूकंप नहीं था। टेक्नोनिक प्लेट्स के मूवमेंट की वजह से आने वाले भूकंप काफी खतरनाक होते हैं और यह फॉल्ट लाइन पर ही आते हैं। फॉल्ट लाइन उसे कहा जाता है जहां यह टेक्टोनिक प्लेट्स मौजूद रहती हैं।भूकंप का केंद्र लाल किले से 10 किलोमीटर साउथवेस्ट में था। दिल्ली में आमतौर पर हिमालय और दूर-दराज में आए भूकंप के झटके महसूस होते हैं। हिमालय में 1803 में आए 7.5 तीव्रता वाले, 1991 में उत्तरकाशी में आए 6.8 तीव्रता वाले, 1999 में चमौली में आए 6.6 तीव्रता वाले और 2015 में नेपाल के गोरखा जिले में 7.8 तीव्रता वाले भूकंप ने दिल्ली को नुकसान पहुंचा है। हिंदुकुश रीजन में आए तेज भूकंप भी दिल्ली को दहलाते हैं। वहीं 1720 में दिल्ली में 6.5 तीव्रता वाला भूकंप आ चुका है। दिल्ली के पास मथुरा में 1842 में 5 तीव्रता वाला, बुलंदशहर में 1956 में 6.7 तीव्रता वाला और मुरादाबाद में 1966 में 6.7 तीव्रता वाला भूकंप आ चुका है।लोग निकले घरों के बाहरकरोल बाग के अमित कुमार ने बताया कि इस तरह का भूकंप का झटका उन्होंने पहले कभी महसूस नहीं किया है। तेज झटके के साथ आवाज ने उन्हें दहला दिया। मैने तुरंत अपने बच्चे और पत्नी को उठाया और बिल्डिंग से बाहर आ गया। द्वारका की प्रेरणा कोचर ने बताया कि मुझे भूकंप के झटके तो महसूस नहीं हुए, लेकिन उन्हें बिल्डिंग में शोर सुनाई आया। उन्हें लगा कुछ हादसा हुआ है। जैसे ही उन्होंने बालकनी से बाहर झांका, उन्हें पता चला कि भूकंप आया है और वह भी अपने परिवार के साथ बिल्डिंग से बाहर आ गईं। बुध विहार एरिया से एक सीसीटीवी फुटेज वायरल हो रही है, जिसमें भूकंप की वजह से गाड़ी के हार्न अपने आप बजने लगे। तिलक नगर की पूजा ने बताया कि 2012 में भी इसी तरह का भूकंप का झटका महसूस किया था।भूकंप महसूस होने की 191 लोगों ने रिपोर्ट कीएनसीएस की रिपोर्ट के अनुसार भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर में काफी तेज महसूस हुए। एक ही घंटे में दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, वेस्टर्न यूपी से एनसीएस की वेबसाइट और ऐप पर झटके महसूस होने की 191 लोगों ने रिपोर्ट की। वहीं BhooKamp ऐप और www.seismo.gov में एक घंटे के दौरान ही 190 रिस्पॉन्स मिले।पीक ग्राउंड एक्सेलेरेशन सबसे अधिक कहां हुआ महसूससाइट अधिकतम पीजीए केंद्र से दूरीएनपीएल, दिल्ली 0.049 6 किलोमीटरजामिया यूनिवर्सिटी 0.058 10 किलोमीटरनरेला 0.068 24भूकंप के साथ क्यों आई तेज़ आवाज़?अधिकारी के अनुसार आमतौर पर भूकंप के साथ तेज आवाज चीजों के गिरने की आती हैं। लेकिन, इस मामले में भूकंप की गहराई कम थी। इस वजह से यह संभव है कि लोगों को भूकंपीय तरंगों की आवाज महसूस हुई हो। कुछ जगहों पर यह भी संभव है कि लोगों को भागने या लोगों का शोर सुनाई दिया हो और उन्हें भूकंप की तेज आवाज का भ्रम हुआ हो। स्पष्ट तौर पर इसे लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता।डॉ. ओपी मिश्रा के अनुसार इस तरह के छोटे-छोटे भूकंप अगर आते रहते हैं, तो बड़े भूकंपों की संभावना कम हो जाती है। इससे जमीन के अंदर जब चट्टानें आपस में हल्की तीव्रता से टकराती हैं तो इससे जमीन के नीचे एकत्रित हुई ऊर्जा का अंश निकल जाता है। समय-समय पर ऐसा होने से सख्त चट्टाने टूट जाती हैं और ज्यादा ऊर्जा एकत्रित होने की संभावना नहीं रहती। सरकारी इमारतों की सेफ्टी ऑडिट का क्या हुआ?राष्ट्रीय राजधानी और इसके आसपास के इलाकों में सोमवार सुबह आए तीव्र भूकंप ने राज्य सरकार और इसके स्थानीय निकायों के सामने एक बार फिर उस सवाल को ला खड़ा किया, जिसके जवाब का इंतजार दिल्ली हाई कोर्ट 2023 से कर रहा है। हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी की प्रमुख इमारतों में भूकंपीय स्थिरता की जांच के लिए दिल्ली सरकार और स्थानीय निकायों को निर्देश दिया था कि अपनी इमारतों के साथ अस्पतालों, कॉलेजों और स्कूल इमारतों का संरचनात्मक ऑडिट कराएं, जिसकी स्थिति 2025 तक भी स्पष्ट नहीं है।चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली डिवीजन बेंच ने 5 दिसंबर, 2023 को पारित आदेश में कहा, चूंकि, सरकारी अस्पताल और इमारत ही वो जगह होंगी जहां भूकंप की स्थिति में लोग आश्रय लेंगे या शरण मांगेंगे, इसलिए यह अदालत दिल्ली सरकार और स्थानीय निकायों को अपनी सभी इमारतों के साथ-साथ अस्पतालों , कॉलेजों और स्कूलों आदि का स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने और स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देती है। कोर्ट ने आदेश में साफ कहा था कि इसके लिए जो भी कदम उठाने हैं वो तीन महीने के भीतर उठाए जाएं। हालांकि, तब से लेकर अब तक इस मामले में कोई खास कार्रवाई होती नजर नहीं आई। दिल्ली सरकार का तब कहना था कि शहर की सभी इमारतों को सिस्मिक एक्टिविटी प्रूफ बनाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।, लेकिन इस काम को फेजवाइज तरीके से पूरा किया जा सकता है। दिल्ली सरकार का तब कहना था कि दिल्ली में तमाम पुरानी इमारतें होने के साथ अनधिकृत निर्माण और अनधिकृत कॉलोनियों की भी समस्या है।मौजूदा कार्यवाही एडवोकेट अर्पित भार्गव की याचिका पर हो रही है, जिन्होंने तब दावा किया था कि दिल्ली में इमारतों की भूकंपीय स्थिरता बहुत खराब है। तेज भूकंप आने पर यहां बड़े पैमाने पर तबाही मच सकती है। इस मामले में प्रशासन द्वारा बार-बार समय मांगे जाने और कार्यवाही के लंबे समय से लटके होने पर निराशा जताते हुए एडवोकेट भार्गव ने कहा कि आज हम 2025 में हैं, लेकिन अभी तक हमें यह नहीं पता कि सरकार कितनी इमारतों का ऑडिट कर पाई। उन्होंने आरोप लगाया कि कोई भी इस मामले में गंभीर नजर नहीं आ रहा है।दिल्ली सरकार ने पूर्व में कहा था कि ढांचागत सुरक्षा की जांच के लिए जिन 10000 इमारतों को चुना गया है, उनमें से 6000 को नोटिस जारी कर स्ट्रक्चरल सेफ्टी सर्टिफिकेट दिखाने के लिए कहा गया। 144 असुरक्षित इमारतों को गिरा दिया गया है। 4,655 इमारतों के स्ट्रक्चरल ऑडिट का काम पूरा हो चुका है, जबकि 89 इमारतों में रिट्रोफिटिंग का काम प्रगति पर है।

Delhi Earthquake: Chaos and Fear
Delhi Earthquake: Chaos and Fear



दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके: सुरक्षा ऑडिट की आवश्यकता और सरकार की तत्परता
Wed, 25 Jun 2025
दिल्ली-एनसीआर में सोमवार को भूकंप के झटके लगे, जिससे लोग घरों से बाहर निकल आए। भूकंप का केंद्र लाल किले से 10 किलोमीटर दूर था। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, यह टेक्टोनिक भूकंप नहीं था। दिल्ली हाई कोर्ट ने इमारतों का सेफ्टी ऑडिट कराने का आदेश दिया था, लेकिन स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है।
दिल्ली-एनसीआर में सोमवार को भूकंप के झटके लगे, जिससे लोग घरों से बाहर निकल आए। भूकंप का केंद्र लाल किले से 10 किलोमीटर दूर था। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, यह टेक्टोनिक भूकंप नहीं था। दिल्ली हाई कोर्ट ने इमारतों का सेफ्टी ऑडिट कराने का आदेश दिया था, लेकिन स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है।
View this post on Instagram A post shared by Instagram (@instagram)




ID@undefined Caption not available.

नई दिल्ली. दिग्गज गीतकार

और स्क्रिप्ट राइटर जावेद अख्तर ने राजा रघुवंशी और सौरभ राजपूत की निर्मम हत्या के मामलों पर जनता के गुस्से पर अपनी राय दी है. इन हत्याओं को कथित तौर पर उनकी पत्नियां सोनम रघुवंशी और मुस्कान रस्तोगी ने अंजाम दिया था. देशभर में छाई क्राइम की इस घटना पर जावेद अख्तर ने अपराधी महिलाओं के बारे में रिएक्ट किया है. उन्होंने समाज को डबल स्टैंडर्ड बताते हुए इस पर रिएक्ट किया. जावेद अख्तर ने हाल ही में एक इंटरव्यू में राजा रघुवंशी और सौरभ राजपूत के निर्मम हत्या पर बात की. उन्होंने कहा इन मामलों पर राष्ट्रीय प्रतिक्रिया को लेकर उनके मन में ‘मिश्रित भावनाएं हैं. एनडीटीवी से इस बारे में बात करते हुए उन्होंने समाज के डबल स्टैंडर्ड होने पर कॉमेंट किया. ‘दो महिलाओं ने पतियों की हत्या कर दी तो समाज हिल गया…’ जावेद साहब ने सवाल करते हुए कहा, ‘इन दो महिलाओं ने अपने पतियों की हत्या कर दी और समाज हिल गया. फिर ऐसी महिलाएं भी हैं जो हर दूसरे दिन जिंदा जला दी जाती हैं… उन्हें हर दिन पीटा जाता है. तब समाज आक्रोशित क्यों नहीं होता?‘ उन्होंने तर्क दिया कि जहां महिलाओं द्वारा की गई हिंसा से सदमा और निंदा होती है, वहीं देश भर में अनगिनत महिलाओं द्वारा झेली जा रही लगातार दुर्व्यवहार को अक्सर चुप्पी के साथ देखा जाता है. ‘बड़ा बेशर्म है समाज…’ उन्होंने आगे कहा, ‘बड़ा बेशर्म है समाज. दो औरतों ने मर्डर किया तो सब चौंक गए और इतने सालों से जो मर्द औरतों पर जुल्म कर रहे हैं, उस पर किसी की जुबान नहीं खुलती. अगर उन्होंने शादी के तुरंत बाद मर्डर किया तो पता करो कि क्या उन्हें शादी के लिए मजबूर किया गया था? क्या भारत के छोटे शहर की एक औरत के लिए शादी से मना करना आसान है? क्या वह ऐसा कह सकती है?‘ राजा रघुवंशी मर्डर केस आपको बता दें कि 2 जून को राजा रघुवंशी का शव सोहरा इलाके में एक गहरी खाई के पास मिला, जिसे चेरापूंजी के नाम से भी जाना जाता है, जो पूर्वी खासी हिल्स जिले में स्थित है. कुछ दिनों बाद सोनम रघुवंशी ने आत्मसमर्पण कर दिया. पुलिस के मुताबिक, सोनम ने अपने प्रेमी राज कुशवाहा के साथ मिलकर तीन अन्य लोगों को अपने पति राजा को हनीमून के दौरान मारने के लिए साजिश रची, जो उनकी शादी के लगभग दो हफ्ते बाद हुआ. सौरभ राजपूत मर्डर केस वहीं, मेरठ की मुस्कान रस्तोगी ने अपने प्रेमी साहिल शुक्ला के साथ मिलकर 4 मार्च को अपने पति सौरभ राजपूत की हत्या कर दी थी.
Tags:
  • Delhi Earthquake
  • दिल्ली भूकंप
  • Earthquake Delhi NCR
  • भूकंप दिल्ली एनसीआर
  • Earthquake sound

This is the Default title