बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 150 साल का सफर: एशिया के पहले स्टॉक एक्सचेंज की कहानी
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, जिसे हम बीएसई के नाम से भी जानते हैं, 9 जुलाई 2025 को अपने 150 साल पूरे करने जा रहा है। यह एशिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज है, जिसकी स्थापना 9 जुलाई 1875 को हुई थी। हालांकि, इसकी जड़ें 1855 में ही मिलती हैं, जब कुछ व्यापारी बरगद के पेड़ के नीचे कपास का कारोबार करते थे।
मुबंई: बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) बुधवार, (9 जुलाई 2025) को 150 साल का हो जाएगा। एशिया के पहले स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना 9 जुलाई, 1875 को दक्षिण मुंबई में टाउन हॉल के पास हुई थी। हालांकि, इससे दो दशक पहले बीएसई का सफर 1855 में तब शुरू हुआ था, जब बरगद के पेड़ के नीचे कॉटन की खरीद-बिक्री करने के लिए ट्रेडर्स मिलते थे। इस जगह पर समय के साथ-साथ ट्रेडर्स की संख्या बढ़ती चली गई और बड़ी संख्या में ट्रेडर्स के आने के चलते 9 जुलाई, 1875 को नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन की स्थापना हुई, जो आगे चलकर बीएसई बना।
बीएसई की स्थापना जापान के मौजूद टोक्यो स्टॉक एक्सचेंज से भी तीन साल पहले हुई थी। इस कारण बीएसई को एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज भी कहा जाता है। बीएसई के मुख्य संस्थापकों में प्रेमचंद रॉयचंद भी शामिल थे, जिन्हें बंबई का 'कॉटन किंग' कहा जाता था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुरुआत में नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन के सदस्यों की संख्या 318 थी। इसका एंट्री फीस केवल एक रुपया था।